रामनगर के गौजानी क्षेत्र में कथित अवैध प्लाटिंग का आरोप, एसडीएम तक पहुंची शिकायत, जांच शुरू

रामनगर: नैनीताल जिले के रामनगर के गौजानी क्षेत्र में कथित अवैध प्लाटिंग और कॉलोनी निर्माण को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है. सामाजिक कार्यकर्ता ने इस मामले को गंभीर बताते हुए प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि गौजानी क्षेत्र के ग्रामीणों ने पहले ही उपजिलाधिकारी रामनगर और तहसीलदार रामनगर को शिकायत दी थी कि अन्य राज्य से आकर कुछ लोग इस क्षेत्र में अवैध रूप से प्लाटिंग कर रहे हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र शर्मा के अनुसार, यह पूरा इलाका फल पट्टी क्षेत्र में आता है. जहां नियमों के अनुसार न तो प्लाटिंग की अनुमति है और न ही कॉलोनी निर्माण की. इसके बावजूद यहां न केवल प्लाटिंग की गई, बल्कि जमीन की दाखिल-खारिज भी यूपी के लोगों के नाम पर कर दी गई. उन्होंने सवाल उठाया कि जब यह क्षेत्र फल पट्टी में दर्ज है, तो फिर यहां इस तरह की गतिविधियां कैसे और किसके संरक्षण में हो रही है?
उन्होंने आरोप लगाया कि जो कॉलोनी यहां विकसित की जा रही है, वह पूरी तरह से डेमोग्राफी चेंज करने का एक सुनियोजित षड्यंत्र प्रतीत होती है. उनका कहना है कि जिन लोगों के नाम पर जमीन दर्ज है, उन्हें बिचौलिया बनाकर अन्य लोगों को जमीन बेची जा रही है. वास्तविक खरीदार और जमीन बिकवाने वाले अलग-अलग बताए जा रहे हैं. जबकि बाहर से, विशेष रूप से यूपी से लोगों को लाकर यहां बसाने की तैयारी की जा रही है.
ग्रामीणों ने इस पूरे मामले पर गहरी चिंता व्यक्त की है. नरेंद्र शर्मा ने कहा कि यदि भविष्य में यह कॉलोनी पूरी तरह बस गई, तो बगीचों के बीच स्थित इस कॉलोनी से निकलने वाले सीवरेज और गंदे पानी की निकासी कहां होगी? यह एक बड़ा सवाल है. उन्होंने इसे पर्यावरण के लिए खतरा बताते हुए रेरा नियमों का खुला उल्लंघन करार दिया.
उन्होंने यह भी दावा किया कि, यह मामला प्राधिकरण के संज्ञान में है, लेकिन इसके बावजूद मौके पर मकान खड़े हो चुके हैं और अब टीन के स्ट्रक्चर भी तैयार किए जा रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर यह सब कौन कर रहा है और प्रशासन आंखें मूंदकर क्यों बैठा है? नरेंद्र शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही उत्तराखंड की डेमोग्राफी को लेकर चिंता जता चुके हैं और स्पष्ट कर चुके हैं कि राज्य की डेमोग्राफी से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा. ऐसे में रामनगर प्रशासन की नाक के नीचे इस तरह की गतिविधियां होना, मुख्यमंत्री के निर्देशों की अनदेखी जैसा प्रतीत होता है.
इस मामले पर भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री राकेश नैनवाल ने कहा कि गौजानी क्षेत्र में भी इस तरह के मामले सामने आने की जानकारी मिली है. उवहां सभी समुदायों के लोग लंबे समय से रहते आए हैं. लेकिन बाहर से आकर अवैध तरीके से बसने की शिकायतें मिल रही हैं. इस विषय में एसडीएम रामनगर को अवगत कराया गया है और सभी विभागों के अधिकारी इसे गंभीरता से ले रहे हैं.
राकेश नैनवाल ने कहा कि, सरकार पूरी तरह सतर्क है और किसी भी हालत में उत्तराखंड में माहौल खराब नहीं होने दिया जाएगा. यदि नियमों का उल्लंघन हुआ है, तो ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल गौजानी क्षेत्र का यह मामला प्रशासनिक जांच का विषय बना हुआ है और अब सभी की नजरें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी है.
मामले पर उप जिलाधिकारी रामनगर प्रमोद कुमार ने बताया कि यह प्रकरण उनके संज्ञान में है. चंदन सिंह मेहरा द्वारा अवगत कराया गया था कि रामनगर के गौजानी क्षेत्र में कुछ लोगों द्वारा जानबूझकर जमीन का विक्रय विशेष समुदाय के पक्ष में किया जा रहा है. उप जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि संबंधित क्षेत्र का बड़ा हिस्सा फल पट्टी क्षेत्र में आता है. यदि वहां कॉलोनी बसाने या निर्माण कार्य की पुष्टि होती है, तो इसकी जांच कर नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. खतौनी में जमीन की खरीद की जांच की जा रही है और यदि अवैध कॉलोनी विकसित पाई गई, तो फल पट्टी नियमों के तहत उसे ध्वस्त कराया जाएगा.
