रामनगर के पुछड़ी क्षेत्र में अतिक्रमण पर फिर चलेगा बुलडोजर, 199 हेक्टेयर भूमि कराई जाएगी मुक्त

रामनगर: नैनीताल जिले में रामनगर के पुछड़ी क्षेत्र में वन विभाग जल्द ही दूसरे चरण का अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाने वाला है. विभाग ने साफ किया है कि दूसरे चरण में 199 हेक्टेयर वन भूमि से अतिक्रमण हटाया जाएगा, जिसको लेकर वन विभाग ने सभी तैयारी पूरी कर ली हैं.
इस संबंध में जानकारी देते हुए रामनगर तराई पश्चिम के डीएफओ प्रकाश आर्या ने स्पष्ट किया कि वन विभाग अपने अधिकार क्षेत्र की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. डीएफओ प्रकाश आर्य ने बताया कि पुछड़ी क्षेत्र में प्रारंभिक कार्रवाई के दौरान कुल 170 लोगों को बेदखली नोटिस जारी किए गए थे. इन सभी मामलों में संबंधित लोगों की बातों को सुना गया, उनके प्रस्तुत दस्तावेजों की गहन जांच की गई और तथ्यों के आधार पर विधिसम्मत निर्णय लेते हुए 170 व्यक्तियों के खिलाफ बेदखली के आदेश पारित किए गए. इनमें से कुछ लोगों ने कोर्ट की शरण ली. कोर्ट से उन्हें स्थगन आदेश (स्टे) प्राप्त हुआ.
डीएफओ प्रकाश आर्य ने बताया कि जिन मामलों में कोई न्यायिक रोक नहीं थी, उन मामलों में वन विभाग की तरफ से कार्रवाई की गई और सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया. प्रकाश आर्य ने आगे बताया कि पुछड़ी क्षेत्र का कुल रकबा लगभग 224 हेक्टेयर है, जिसमें बड़े पैमाने पर अतिक्रमण पाया गया है.
पहले चरण की कार्रवाई में वन विभाग ने करीब 25 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराकर अपने अधीन ले लिया है, अब शेष लगभग 199 हेक्टेयर भूमि को दूसरे या तीसरे चरण में खाली कराने की योजना बनाई गई है. उन्होंने कहा कि दूसरे चरण की कार्रवाई से पूर्व संबंधित क्षेत्र का सर्वे किया जा रहा है, ताकि स्थिति का सही आकलन किया जा सके. इसके बाद नियमानुसार सभी आवश्यक कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं पूरी करते हुए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी.
वन विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी, निष्पक्ष और कानून के दायरे में रहकर की जाए. डीएफओ ने यह भी स्पष्ट किया कि वन भूमि पर अतिक्रमण न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के लिए भी गंभीर खतरा है.
विभाग का उद्देश्य किसी को अनावश्यक रूप से परेशान करना नहीं, बल्कि सरकारी वन भूमि को संरक्षित करना है. वन विभाग की इस आगामी कार्रवाई को लेकर क्षेत्र में हलचल तेज हो गई है. प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और माना जा रहा है कि दूसरे चरण की यह कार्रवाई पुछड़ी क्षेत्र में वन भूमि संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी.
