हरीश रावत ने बीजेपी पर साधा निशाना, बोले- पीएम मोदी का दौरा धामी सरकार की डेंटिंग-पेंटिंग का प्रयास था

मसूरी: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत मंगलवार 11 नवंबर को मसूरी पहुंची. मसूरी में हरीश रावत ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि शहीदों की कुर्बानी से बना उत्तराखंड, अब दिशा तय करने की जरूरत है. इस मौके पर हरीश रावत ने जहां शहीद राज्य आंदोलनकारियों के परिजनों और आंदोलनकारियों को शॉल और फूल माला पहनाकर सम्मानित किया.
इस दौरान उन्होंने राज्य की मौजूदा स्थिति, सरकार की नीतियों और उत्तराखंड के भविष्य पर खुलकर अपनी बात रखी. हरीश रावत ने कहा कि आज का दिन उन वीरों को याद करने का दिन है, जिनकी कुर्बानी से उत्तराखंड का निर्माण हुआ. अगर हम राज्य को सही दिशा में ले जाना चाहते हैं, तो पहले उसकी दिशा और दृष्टि स्पष्ट करनी होगी.
आज मैं आंदोलनकारियों से मिलने इसलिए आया हूं कि उनकी सोच को समझ सकूं, ताकि मिलकर तय किया जा सके कि उनके सपना वाला उत्तराखंड आखिर कैसा हो? उत्तराखंड केवल भौगोलिक सीमाओं का राज्य नहीं है, बल्कि यह जन, जंगल और जमीन की अस्मिता से जुड़ा भावनात्मक प्रदेश है.
-हरीश रावत, पूर्व सीएम उत्तराखंड-
भाजपा सरकार पर साधा निशाना: हरीश रावत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज प्रदेश की जमीनें धड़ल्ले से बेची जा रही हैं. जब जमीन नहीं बचेगी, तो जंगल कैसे बचेंगे? और जब जंगल नहीं बचेंगे, तो परिवेश और संस्कृति कैसे बचेगी? अगर जन, जंगल और जमीन नहीं बचे तो उत्तराखंड का भविष्य अधर में लटक जाएगा.
हमने उत्तराखंड के मॉडल पर काम किया, लेकिन जैसे ही भाजपा की सरकार आई, उसने हमारी योजनाओं को डंप कर दिया, जो काम जनता के लिए था, उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
-हरीश रावत, पूर्व सीएम उत्तराखंड-
प्रधानमंत्री के दौरे पर मिली-जुली प्रतिक्रिया: हरी रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया उत्तराखंड दौरे की सराहना भी की और आलोचना भी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने गढ़वाली और कुमाऊंनी बोलकर लोगों का दिल जीता और उत्तराखंड के उत्पादों का प्रचार किया, जो स्वागत योग्य है.
मुझे खुशी है कि आज प्रधानमंत्री भी उत्तराखंड के उत्पादों की बात कर रहे हैं. यह वही पहल है जो हमने 2014 में शुरू की थी, लेकिन दुख की बात यह है कि पलायन, बेरोजगारी और राजधानी जैसे बुनियादी सवालों पर प्रधानमंत्री मौन रहे.
-हरीश रावत, पूर्व सीएम उत्तराखंड-
स्थायी राजधानी और पुनर्वास का मुद्दा उठाया: हरीश रावत ने कहा कि आज भी उत्तराखंड की स्थायी राजधानी को लेकर भ्रम की स्थिति है. राजधानी कहां होगी, यह तय नहीं है. लेकिन उसे बनाने के लिए धन चाहिए और उसके लिए केंद्र ने कोई मदद नहीं दी. 34 से अधिक गांव आपदा की जद में हैं, जिनका राज्य अपने दम पर पुनर्वास नहीं कर पा रहा/ ऐसे गंभीर मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने एक शब्द नहीं कहा.
औद्योगिक पैकेज और रोजगार पर चिंता: पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले मिला औद्योगिक पैकेज समाप्त होने से उद्योग उत्तराखंड से पलायन कर रहे हैं. कई उद्योग बंद हो गए या अपनी क्षमता घटा रहे हैं. नए निवेशक नहीं आ रहे. केंद्र सरकार को उत्तराखंड के लिए औद्योगिक पैकेज का एक्सटेंशन देना चाहिए था, पर ऐसा नहीं हुआ.
पलायन और बेरोजगारी आपस में गहराई से जुड़े मुद्दे हैं, जिनका हल बिना ठोस नीति के संभव नहीं. पीएम मोदी का दौरा धामी सरकार की डेंटिंग-पेंटिंग भर था.
-हरीश रावत, पूर्व सीएम उत्तराखंड-
कांग्रेस के योगदान को खुद भाजपा मान रही: प्रधानमंत्री के दौरे पर कटाक्ष करते हुए हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का दौरा असल में धामी सरकार की डेंटिंग-पेंटिंग करने का प्रयास था. उनके चेहरे पर जो पाउडर गिर रहा था, उस पर मरहम पट्टी की गई. अब भाजपा भी एनडी तिवारी सरकार को याद करने लगी है, यानी कांग्रेस के योगदान को खुद भाजपा मान रही है.
स्वास्थ्य व शिक्षा पर सवाल: रावत ने कहा कि धामी सरकार के कार्यकाल में न तो कोई नया मेडिकल कॉलेज बना और न ही नर्सिंग कॉलेज. उन्होंने कहा कि हमारे शासन में जिन मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों की नींव रखी गई थी, आज वे भाजपा की गलत नीतियों के कारण बंद होने की कगार पर हैं.
2027 में परिवर्तन का वर्ष: कार्यक्रम के अंत में उन्होंने कहा कि 2027 परिवर्तन का वर्ष होगा, और उत्तराखंड में परिवर्तन अवश्य आएगा. कांग्रेस चाहती है कि यह परिवर्तन जनता के पक्ष में हो, और हमें विश्वास है कि जनता इस बार सही निर्णय लेगी.
दिल्ली धमाके पर जताई संवेदना: दिल्ली में हुए धमाके को लेकर हरीश रावत ने गहरी संवेदना जताई. उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद और चिंताजनक है. यह समय है जब हमें एकजुट होकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे.
