खटीमा में रिटायर्ड NHPC मैनेजर को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 18 लाख रुपए, 2 साइबर ठग गिरफ्तार

खटीमा: आखिरकार एनएचपीपी से रिटायर्ड मैनेजर को डिजिटल अरेस्ट कर 18 लाख रुपए की ठगी करने वाले दो साइबर आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं. खटीमा कोतवाली पुलिस ने आरोपियों को उत्तर प्रदेश से दबोचा है. आरोपियों ने एक कंपनी के नाम पर खाता खुलवाया था. जिसमें वो धोखाधड़ी कर रुपए डलवाते थे. आरोपियों ने उत्तराखंड समेत करीब 10 अन्य राज्यों से करोड़ों रुपए की ठगी कर की थी. फिलहाल, पुलिस दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
बता दें कि उत्तराखंड में साइबर ठगों की ओर से डिजिटल अरेस्ट कर लोगों को करोड़ों रुपए का चूना लगाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. पुलिस की लाख जागरूकता के बावजूद कई लोग इन साइबर ठगों के चंगुल में फंस कर अपने जीवन की कमाई गंवा रहे हैं. साइबर ठगी का एक ऐसा ही मामला खटीमा से सामने आया था. जहां नेशनल हाइड्रोलिक पावर कॉरपोरेशन (NHPC) बनबसा से रिटायर्ड मैनेजर को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 18 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर ली थी.
मामले में पीड़ित रिटायर्ड मैनेजर ने बीती 7 सितंबर को खटीमा कोतवाली पुलिस में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की. जिस पर उधम सिंह नगर एसएसपी मणिकांत मिश्रा के निर्देश पर पुलिस की टीम गठित की गई. जिसके तहत चकरपुर पुलिस चौकी इंचार्ज एसआई विकास कुमार ने त्वरित कार्रवाई शुरू की. इसी कड़ी में पुलिस की टीम ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ से दो आरोपी कमलेश कुमार और सतीश कुमार को गिरफ्तार किया.
चकरपुर पुलिस चौकी इंचार्ज एसआई विकास कुमार के मुताबिक, दोनों साइबर अपराधियों ने कबूल किया है कि बीते दो दिनों में उत्तराखंड समेत अन्य दस राज्यों के लोगों को अपने चंगुल में फंसा कर करीब 1 करोड़ 86 लाख रुपए की ठगी की है. उन्होंने पैसे के लालच में एक कंपनी के नाम पर खाता खुलवाया, जिसमें रोजाना 5 करोड़ रुपए के लेन देन की सीमा रखी गई. इस बैंक खाते का इस्तेमाल अवैध ट्रांजेक्शन के लिए किया जाता था.
पुलिस की मानें तो गिरफ्तार साइबर अपराधियों से पूछताछ में एक अन्य आरोपी अनुराग निवासी सीतापुर (उत्तर प्रदेश) का भी नाम संज्ञान में आया है. जो मोबाइल पर लाभार्थी जोड़ने और ट्रांजेक्शन की तकनीकी भूमिका निभाता था. आरोपियों ने उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, कर्नाटक, अंडबार निकोबार, जम्मू कश्मीर, गुजरात, ओडिशा, तेलंगाना समेत कुल 11 राज्यों के लोगों ठगी का शिकार बनाकर करोड़ों रुपए की ठगे हैं.
खटीमा कोतवाल मनोहर सिंह दसौनी के मुताबिक, खटीमा पुलिस ने 18 लाख की साइबर ठगी का मामला सामने आते ही पुलिस टीम गठित की. जिसने सर्विलांस की मदद से मामले की जांच शुरू की. पुलिस जांच में पता चला कि खटीमा से साइबर ठगी कर 18 लाख की रकम एक प्राइवेट लिमिटेड के खाते में भेजी गई थी. यह खाता गोमती नगर (लखनऊ) में संचालित था. जिसके खाता धारक कमलेश कुमार और सतीश कुमार निकले.
इसके बाद खटीमा पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए लखनऊ स्थित उक्त बैंक प्रबंधक से संपर्क किया. साथ ही संदिग्ध दोनों खाताधारकों पर नजर रखे. जिसके तहत दोनों को 9 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया गया. जानकारी में पता चला कि आरोपियों के बैंक खाते से संबंधित 25 अन्य शिकायतें भी देश के विभिन्न थानों में दर्ज हैं. दोनों आरोपियों ने दो दिन के भीतर ही 1 करोड़ 86 लाख साइबर ठगी की है.
खटीमा पुलिस की अपील: खटीमा पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी भी लिंक या कॉल पर भरोसा कर धनराशि ट्रांसफर न करें. साइबर ठगी की तत्काल सूचना 1930 साइबर हेल्पलाइन नंबर या नजदीकी थाने में दें. पुलिस का कहना है कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई चीज नहीं होती है. किसी भी संस्थान यानी सीबीआई, ईडी, पुलिस या अन्य कोई भी अधिकारी डिजिटल अरेस्ट नहीं करता है. अगर कोई डिजिटल अरेस्ट की बात करता है तो वो साइबर ठग है.