पिथौरागढ़ घाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर ड्रोन से रखी जाएगी नजर, पुलिसकर्मियों को मिलेगी बड़ी राहत

पिथौरागढ़: सीमांत जिले पिथौरागढ़ की लाइफ लाइन कहे जाने वाले और जिले का प्रवेश द्वारा पिथौरागढ़-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति पर बरसात में ड्रोन से नजर रखी जाएगी. इसके अलावा घाट पुल से लेकर दिल्ली बैंड तक का क्षेत्र रात के समय बिजली से जगमग रहेगा. बरसात में घाट से दिल्ली बैंड तक सड़क बार-बार बंद होती रहती है. अधिक बारिश होने पर सड़क की स्थिति का पता करने के लिए पुलिस जवानों और स्थानीय अधिकारियों को बार-बार आना जाना पड़ता है. इस क्षेत्र में जगह-जगह पत्थर गिरने का भी खतरा रहता है.
इसे देखते हुए जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी की पहल पर अब ड्रोन उपलब्ध कराया गया है. अब घाट चौकी पर तैनात कर्मी ड्रोन से सड़क की स्थिति का पता कर सकेंगे. सड़क बंद या खुली होने की सूचना समय से लोगों तक पहुंच सकेगी. इसके अलावा सरयू नदी स्थित पुल अब रात में जगमग नजर आएगा. पुल को बिजली से रोशन किया गया है. साथ ही घाट पुल से लेकर दिल्ली बैंड तक प्रकाश की व्यवस्था की गई है. इससे यात्रियों के साथ ही ड्यूटी पर तैनात जवानों और कर्मियों को सुविधा मिल सकेगी. इस स्थान पर काम करने वाले कर्मियों के लिए तीन टेंट भी उपलब्ध कराए गए हैं.
बरसात के मौसम पिथौरागढ़ जिला आपदा की दृष्टि से बहुत अधिक संवेदनशील हो जाता है. बारिश के दौरान जगह जगह पर सड़क बंद हो जाती है. पिछले दिनों बारिश के कारण जिले की एक दर्जन सडकें बंद हो गई थी. बारिश के दौरान घाट से पिथौरागढ़ मोटर मार्ग में आये दिन बंद रहता है. पहाड़ी से मलबा गिरने के कारण यह मार्ग बहुत अधिक संवेदनशील है. यह मार्ग बंद हो जाने से जिला मुख्यालय का सम्पर्क देश दुनिया से कट जाता है. इस मार्ग से होकर धारचूला, डीडीहाट, पिथौरागढ़ के लोग टनकपुर,देहरादून, हल्द्वानी, दिल्ली को जाते हैं. यह जिला मुख्यालय को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग भी है. यह मार्ग पूर्व बरसात के दौरान कई घंटो तक मलबा आने के कारण बंद हो जाता है.डीएम की इस पहल की विभिन्न संगठनों ने सराहना की है. बताया की यह बरसात के मौसम में डीएम का यह प्रयास मिल का पत्थर साबित होगा.
पिथौरागढ़ घाट मार्ग में पहाड़ी से पत्थर गिरते रहते हैं. जन सुरक्षा व आपद प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए पिथौरागढ- टनकपुर हाइवे में घाट के निकट खतरनाक स्लाइडिंग जोन पर अब ड्रोन से निगरानी की जायेगी. जिलाधिकारी ने बताया दिल्ली बैंड निकट और घाट बैंड पर खतरे को देखते हुए चार पीआरडी जवान यातायात नियंत्रण के लिए तैनात किए गए हैं. साथ ही मजदूरों की सुरक्षा को लेकर तीन फोल्डिंग टेंट भी उपलब्ध कराए गए हैं.