सेब काश्तकार नाराज! चार साल के इंतजार के बाद भी नहीं मिला एप्पल मिशन का पूरा भुगतान

देहरादून: उत्तराखंड में एप्पल मिशन योजना के तहत सालों से लंबित भुगतान को लेकर किसानों की नाराजगी एक बार फिर सामने आ गई है. वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 के तहत किसानों को लगभग 35 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना था, लेकिन शासन ने हाल ही में केवल 11 करोड़ 75 लाख रुपये जारी करने के आदेश दिए हैं.
इतना ही नहीं जारी की गई इस राशि में भी फिलहाल सिर्फ पहली किश्त के तौर पर 50 प्रतिशत यानी 5 करोड़ 75 लाख रुपये ही दिए जाने का निर्णय लिया गया है, जिससे किसान बेहद निराश हैं. सेब किसानों को राहत देने के नाम पर मिशन एप्पल योजना के तहत बकाया भुगतान का आदेश तो जारी कर दिया गया, लेकिन किसानों को यह आदेश ऊंट के मुंह में जीरा जैसा लग रहा है.
किसानों को बकाया भुगतान: दरअसल, साल 2020 से किसानों को बकाया भुगतान किया जाना है, लेकिन इतने सालों बाद भी इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया सका. खास बात यह है कि किसानों और प्रमोटर्स के तमाम विरोध के बाद अब जाकर कुछ रकम जारी करने के आदेश हुए हैं, लेकिन वह इतनी कम है कि किसानों के हाथ निराशा ही लगी है. चार साल के लंबे संघर्ष के बाद यह राशि जारी की गई है.
किसानों ने कई बार सरकार को ज्ञापन सौंपे: पर्वतीय कृषक कृषि बागवानी एवं उद्यमी संगठन के बैनर तले किसानों ने कई बार सरकार को ज्ञापन सौंपे. आंदोलन किए और यहां तक कि उद्यान मंत्री गणेश जोशी के आवास का घेराव भी किया. इसके बाद सरकार ने दो दिनों के भीतर सत्यापन कराकर भुगतान के आदेश देने का आश्वासन दिया था. हालांकि पूरी प्रक्रिया में करीब एक महीने का समय लगा और जब आदेश जारी हुए तो राशि उम्मीद से कहीं कम निकली.
कैसे भरोसा करें किसान: किसानों का मानना है कि स्वीकृत पूरी धनराशि एक साथ जारी होनी चाहिए थी, लेकिन आधे से भी कम भुगतान होने से किसान हताश हैं. उनका कहना है कि इस तरह की स्थिति में किसान भविष्य में एप्पल मिशन या कीवी मिशन जैसी योजनाओं से कैसे जुड़ने का भरोसा कर पाएंगे.
सीबीआई को भेजी जाएगी सूची: शासन द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि स्वीकृत 11 करोड़ 50 लाख रुपये में से पहले चरण में 5 करोड़ 75 लाख रुपये जारी किए जा रहे हैं. साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि भौतिक सत्यापन के बाद भुगतान के लिए प्राप्त सूची सीबीआई को भेजी जाएगी. यदि जांच में किसी काश्तकार का नाम संदेह के दायरे में पाया जाता है तो उसका भुगतान रोका जा सकेगा.
जानिए क्यों रूका हुआ है भुगतान: दरअसल, उद्यान विभाग में इससे पहले बड़ा घोटाला सामने आ चुका है, जिसमें सेब और कीवी के पौधों की खरीद-फरोख्त और गुणवत्ता को लेकर गंभीर अनियमितताएं पाई गई थीं. इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच चल रही है, जबकि तत्कालीन निदेशक हरमिंदर सिंह बवेजा को निलंबित किया गया था. तभी से एप्पल मिशन के तहत किसानों का भुगतान अटका हुआ है.
सेब उत्पादक किसान कौशल रावत का कहना है कि लंबे समय से किसान सरकार से भुगतान की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है. किसानों का मानना है कि यदि समय पर पूरा भुगतान नहीं हुआ तो बागवानी योजनाओं के प्रति उनका भरोसा टूट जाएगा. अब निगाहें सरकार पर टिकी हैं कि वह कब शेष राशि जारी कर किसानों को राहत देती है.
