उत्तराखंड में क्रिसमस सेलिब्रेशन की धूम, रंग-बिरंगी लाइट्स से सजे चर्च, जश्न का माहौल

देहरादून/मसूरी: दुनियाभर में आज क्रिसमस मनाया जा रहा है. क्रिसमस के मौके पर गिरिजाघरों में प्रार्थनाएं आयोजित की जा रही हैं. उत्तराखंड में भी क्रिसमस की धूम है. अलग अलग जगहों पर धूमधाम से क्रिसमस सेलिब्रेट किया जा रहा है.
पहाड़ों की रानी मूसूरी में क्रिसमस 2025 का पर्व पूरे श्रद्धा, उल्लास और भव्यता के साथ मनाया गया. प्रभु यीशु मसीह के जन्मोत्सव पर नगर के गिरिजाघरों में विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन हुआ. जहां प्रेम, शांति और भाईचारे का संदेश दिया गया. आधी रात से ही चर्चों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. जिससे पूरा शहर आध्यात्मिक ऊर्जा और उत्साह से सराबोर नजर आया.
क्रिसमस के अवसर पर मसूरी के प्रमुख चर्च और आसपास के इलाकों को फूलों, रंगीन झालरों और आकर्षक रोशनी से सजाया गया. जैसे ही अंधेरा हुआ, जगमगाती लाइटों ने पूरे शहर को एक अलग ही उत्सवी रंग में रंग दिया. पर्यटक भी इस मनोहारी नजारे को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए. क्रिसमस की पूर्व संध्या पर मिडनाइट मास का आयोजन किया गया. पादरियों ने बाइबिल से संदेश देते हुए कहा कि प्रभु यीशु का जीवन हमें प्रेम, क्षमा, त्याग और मानवता की सेवा का मार्ग दिखाता है. प्रार्थनाओं के दौरान विश्व शांति, आपसी सौहार्द और मानव कल्याण की कामना की गई.
चर्च परिसरों में श्रद्धालुओं द्वारा कैरोल गायन किया गया। “साइलेंट नाइट” और “जॉय टू द वर्ल्ड” जैसे गीतों ने वातावरण को भावुक और भक्तिमय बना दिया. बच्चों और युवाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. जिससे उत्सव में और रंग भर गया. प्रार्थना के बाद श्रद्धालुओं ने मोमबत्तियां जलाकर प्रभु यीशु को नमन किया और विश्व में शांति, प्रेम और खुशहाली की कामना की.यह दृश्य बेहद भावुक और प्रेरणादायक रहा.
क्रिसमस के अवसर पर मसूरी में सभी धर्मों के लोगों ने एकजुट होकर पर्व मनाया. एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी गईं. प्रेम व सद्भाव का संदेश दिया गया. जिससे सामाजिक एकता और मजबूत हुई. क्रिसमस के मौके पर बड़ी संख्या में पर्यटक मूसूरी पहुंचे. जिससे बाजारों और पर्यटन स्थलों पर रौनक देखने को मिली. होटल और कैफे भी क्रिसमस थीम से सजे नजर आए.कुल मिलाकर, मसूरी में क्रिसमस 2025 का पर्व एक बार फिर यह संदेश दे गया कि प्रेम, शांति और भाईचारा ही मानवता की सच्ची पहचान है. पूरा शहर “मेरी क्रिसमस” के रंग में डूबा रहा
