6 महीने से नहीं बन पाया टूटा हुआ पुल, आक्रोश में ग्रामीण , लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी
ग्रामीणों ने नए पुल और वैलिब्रिज की मांग को लेकर कोटड़ीप से तहसील तक विशाल जुलूस निकाल अपना विरोध जाहिर करते हुए सरकार से जल्द से जल्द नए मोटरपुल और वैलिब्रिज लगाने की मांग की
बीते साल बरसात में आयी आपदा में थराली और सूना समेत अन्य गांवों को जोड़ने वाला मोटरपुल और झूलापुल प्राणमति नदी के तेज उफान में बह गए जिससे थराली और सूना गांव के बाशिंदों पर आवाजाही का संकट आन पड़ा स्थानीय प्रशासन और लोक निर्माण विभाग ने यहां आवजाही के लिए लकड़ी का अस्थायी पुल बनाया है जिससे वाहनों की आवाजाही खतरनाक साबित हो सकती है ,बीते लगभग 6 माह से ग्रामीण लगातार नए मोटरपुल और वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में फिलहाल वैलिब्रिज की मांग कर रहे हैं लेकिन सिवाय आश्वासन के ग्रामीणों के हाथ कुछ भी नही लगा और जिम्मेदार विभाग एक दूसरे पर पुल निर्माण का जिम्मा थोप रहे हैं
शुक्रवार को थराली और सूना गांव के ग्रामीणों ने नए पुल और वैलिब्रिज की मांग को लेकर कोटड़ीप से तहसील तक विशाल जुलूस निकाल अपना विरोध जाहिर करते हुए सरकार से जल्द से जल्द नए मोटरपुल और वैलिब्रिज लगाने की मांग की
जुलूस में स्कूली बच्चो से लेकर महिलाएं, युवा, बुजुर्ग सभी शामिल हुए और तहसील कार्यालय में सरकार के अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की ,जिसके बाद ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय के माध्यम से जिलाधिकारी चमोली को ज्ञापन भेजते हुए 20 जनवरी तक नए पुल का निर्माण कार्य शुए करने की मांग की है ग्रामीणों ने मांग पूरी न होने की दशा में उग्र आंदोलन और 2024 के लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी है
ग्रामीणों ने बताया कि लकड़ी के अस्थायी पुल से आवाजाही सुरक्षित नहीं है क्योंकि लकड़ी का पुल हल्के वाहनों के गुजरने से हिल रहा है और आगामी बरसात शुरू होने में महज पांच से छह माह शेष है ऐसे में प्राणमति नदी का जलस्तर बढ़ा तो लकड़ी का पुल भी बह जाएगा और फिर से ग्रामीणों पर आवाजाही का संकट आ जायेगा ,साथ ही स्कूली बच्चों की बोर्ड की परीक्षाएं भी होंगी लेकिन लकड़ी के पुल से जान जोखिम में डालकर स्कूली बच्चों की आवाजाही किसी भी दुर्घटना को दावत देने जैसा है ग्रामीणों ने सरकार से जल्द नए मोटरपुल का निर्माण शुरू करने की मांग की है