थराली के अस्तित्व पर मंडाया खतरा, नदी के चाइनीलौजेशन करने की उठी मांग
थराली के अस्तित्व पर मंडाया खतरा, नदी के चाइनीलौजेशन करने की उठी मांग
चमोली जनपद का वह कस्बा जिसे रूपकुंड मार्ग का मुख्य और नंदा राजजात यात्रा का हम स्थान आज थराली अपने अस्तित्व पहचान खोने की कगार पर है। इस क्षेत्र में अब खबरे के बादल मंडराते नजर आ रहे है।
जहाँ 2018 मे सोल घाटी के ढाडरबगड मे बादल फटने से भारी तबाही मची थी और इस तबाही ने कई दुकाने ,कई गाड़ियां समेत मोटरपुल भी अपने साथ बहा दिये पिंडर नदी की इस सहायक नदी का पिंडर नदी से संगम थराली गाँव के पास या यानी थराली देवाल तिराहे के पास होता है जहाँ प्राणमती के तेज बहाव के साथ आये बड़े बोल्डरो ने आड़ लगाकर पिंडर के तेज बहाव को थाम लिया बीते दिनों सोल क्षेत्र के ब्राह्मताल सुपताल ,क्षेत्र के ऊपरी हिस्सों मे लगातार 2 बार् बादल फटने से दोबारा पिंडर और प्राणमती नदी के संगम स्थल पर भारी बोल्डरो का जमावड़ा होने से फिर एक बार पिंडर नदी का पानी थम सा गया है और रौद्र रूप मे बहने वाली पिंडर नदी झील का रूप लेने लगी है
संगम स्थल से रामलीला मैदान तक पिंडर नदी का पानी मानो थम सा गया है ऐसे मे भविष्य मे किसी बड़े खतरे के संकेत दिखाई दे रहे हैँ क्योंकि पिंडर नदी जिस तरीके से झील का आकार ले रही है उस लिहाज से यहाँ पिंडर के किनारे बसे आवासीय मकानों ,दुकानों,सडक को भी खतरा बना हुआ है वहीं प्राणमती नदी ने भी अपने बहाव का रुख ग्वालदम करणप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर कर लिया है जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग थराली देवाल तिराहे से सिमलसैण की ओर लगातार टूटता जा रहा है स्थानीय लोगो ने सरकार ओर प्रशासन से पिंडर नदी और प्राणमती नदी के संगम स्थल से बड़े बोल्डरो और मलबे को हटाकर किनारे करने की मांग की है ताकि पिंडर अपने बहाव मे बह सके और झील मे तब्दील न हो सके ,वहीं स्थानीय प्रशासन और थराली से विधायक भूपालराम टम्टा भी मानते हैँ कि दोनो नदियों के संगम स्थल पर पड़ा मलबा और बड़े बोल्डर् राष्ट्रीय राजमार्ग को नुकसान पहुँचाने के साथ ही पिंडर नदी को भी झील मे तब्दील कर रहे हैँ साथ ही स्थानीय प्रशासन ने इसमे बोल्डरो ओर मलबे को हटाने के लिए नदी का चैनलैजेशन करने के लिए एक रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपने की भी बात कही है
अब देखना होगा कि एक ओर जहाँ सरकारें एक ही जगह पर दो दो बार रीवर ट्रेनिंग / रीवर ड्रेजिंग के पट्टे आवंतित कर रही है वहीं खतरे की जद मे आ चुके थराली और इससे गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को बचाने के लिए किस तरह और कब तक प्राणमती और पिंडर नदी का चैनलैजेशन करते हुए बड़े बोल्डरो और मलबे को हटाने का प्रयास करती है