अफ्रीका के सबसे ऊंचे पर्वत पर लहराया भारतीय ध्वज ,उत्तराखंड के बेटे ने किया नाम रोशन
उत्तराखंड निवासी शुभम राणा ने स्वतंत्रता दिवस के दिन ही अफ्रीका के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट किलिमंजारो को फतह कर पूरी देश का नाम गर्व से ऊंचा किया है , यह पर्वत इतना खास इसलिए भी है क्योंकि इसकी चढ़ाई इतनी कठिन है कि केवल 50 % लोग ही इसे फतह कर पाते हैं
और क्या कुछ खास इस पर्वत के बारे में है आइए जानते हैं
किलिमंजारो, जिसे विश्व में “अफ्रीका की छतरी” के रूप में जाना जाता है, यह तांजानिया में स्थित एक महत्वपूर्ण पर्वतीय क्षेत्र है। यह अफ्रीका का सबसे ऊँचा पर्वत है और विश्व के सात आदिकारी समुद्र तटों से भी ऊँचा है।
किलिमंजारो की ऊँचाई लगभग 19,341 फुट (5,895 मीटर) है और यह एक समय में ज्वालामुखी था, लेकिन अब यह सुस्त पर्वत है जिसका शिखर बर्फ से ढका होता है।
यह पर्वत एक पांच माउंटेन रेंज यानि उच्चतम शिखर से मिलकर बनता है, जिनमें उहुरु पीक, म्वेंजे पीक, खिबो पीक, शिरा पीक, और गिल्मान्जारो पीक शामिल हैं।
किलिमंजारो एक विशेषता से भरपूर प्राकृतिक संग्रहण स्थल भी है, जहाँ विभिन्न जीव-जंतु और पौधों की प्रजातियों को पाया जा सकता है। यहाँ के पार्क में सफारी के अवसर भी होते हैं, जिसमें जानवरों की देखभाल और उनके निर्वासन का समर्थन किया जाता है।
किलिमंजारो पर्वत को चढ़ने का एक सामान्य मार्ग आमतौर पर “मरंगू रूट” या “उहुरु पीक रूट” के नाम से जाना जाता है, जिसमें चार या पांच दिनों की चढ़ाई शामिल होती है। यह एक शारीरिक और मानसिक महत्वपूर्ण चुनौती हो सकती है, लेकिन उसकी खूबसूरती और चुनौती का सामना करने का अद्वितीय अनुभव होता है।