अनुसूचित जनजाति UCC के दायरे से बाहर, आखिर ucc कैसे करेगा काम
अगर विशेष जनजाति को इस कानून के दायरे से बाहर रखा जाता है तो यह नागरिकता कानून किस तरह से समान रूप से काम करेगा
UCC के ड्राफ्ट को लेकर विधासभा देहरादून में विशेष सत्र का आगाज़ आज से शुरू कर दिया गया है हालांकि आज मृतक विधायकों के लिए शोक संवेदना पढ़ने के बाद सत्र को कल के लिए स्थगित कर दिया जाएगा। वहीँ ucc लागू करने को लेकर जो यह सत्र बुलाया गया है उसमे अब तक विपक्ष को ucc का ड्राफ्ट नहीं सौंपा गया है जिसको लेकर विपक्षी नेता काफी नाराज़ नज़र आ रहे हैँ,. विपक्ष का कहना है , ना ही किसी व्यक्ति विशेष से ucc के ड्राफ्ट को लेकर चर्चा की गयी और ना ही विपक्ष को इस ड्राफ्ट के अध्ययन करने का मौका दिया गया जिस बात से यह तो यह तो साबित होता है कि इस कानून को ज़बरन उत्तराखंड की जनता के ऊपर थोपने का काम किया जा रहा है वहीँ इस सत्र के दौरान बेरोज़गारी, महंगाई ,महिला उत्पीड़न जैसे कई मुद्दों को विपक्ष द्वारा उठाने का काम किया जायेगा। वहीँ भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और हरिद्वार विधायक मदन कौशिक के अनुसार भाजपा इस कानून को लाकर अपने घोषणापत्र में किये गए वादे को पूरा करने का काम कर रही है , जहाँ एक तरफ उत्तराखंड ucc को लागू करने के बाद इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करेगा वहीँ केंद्र में ucc लागू करने के लिए एक नज़ीर पेश करने का काम भी करेगा। उत्तराखंड में ucc लागू करने को लेकर कई सवाल भी इस दौरान उठ रहे हैँ, ड्राफ्ट तो अब तक सामने नहीं आया है हालांकि सूत्रों के मुताबिक अनुसूचित जनजाति को इस क़ानून से बाहर रखा गया है अब सवाल यह उठता है कि अगर विशेष जनजाति को इस कानून के दायरे से बाहर रखा जाता है तो यह नागरिकता कानून किस तरह से समान रूप से काम करेगा।