नैनीताल जिले की जर्जर सड़कों पर भड़के ग्रामीण, कमिश्नर आवास को घेरा, दी चेतावनी

हल्द्वानी: नैनीताल जिले के भीमताल ओखलकांडा क्षेत्र की जर्जर सड़कों को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा आखिरकार फूट पड़ा. लंबे समय से सड़कें खराब होने के बावजूद जब स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई तो सोमवार को राज्य आंदोलनकारी और कांग्रेस नेता हरीश पनेरु के नेतृत्व में ग्रामीणों ने हल्द्वानी में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के कैंप कार्यालय का घेराव करने की कोशिश की. जहां कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत तो नहीं मिले लेकिन एसडीएम हल्द्वानी ने किसी तरह मामले को शांत कराया.
कांग्रेस नेता हरीश पनेरु ने कहा कि नैनीताल जिले के साथ-साथ भीमताल और ओखलकांडा क्षेत्र की सड़कों की दुर्दशा ने ग्रामीणों का जीना मुश्किल कर दिया है. खराब सड़कों के कारण आवागमन बाधित हो रहा है. वहीं बीमारों और बच्चों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सोमवार को ग्रामीण हल्द्वानी पहुंचे और पूर्व राज्य मंत्री एवं राज्य आंदोलनकारी हरीश पनेरू के नेतृत्व में कुमाऊं कमिश्नर कार्यालय का रूख किया. लेकिन सुरक्षा कारणों से ग्रामीणों को अंदर नहीं जाने दिया गया और गेट बंद कर दिया गया. इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने कमिश्नर आवास के बाहर ही जोरदार नारेबाजी कर विरोध जताया.
हरीश पनेरु ने कहा कि 3 साल पहले काठगोदाम ओखलकांडा को जोड़ने वाली सड़क का कुमाऊं कमिश्नर ने निरीक्षण किया था. लेकिन आज भी सड़क की स्थिति जस की तस बनी हुई है. उनके क्षेत्र में कई सड़कें बनी है, जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है और आज भी सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिस कारण आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं. लेकिन जिला प्रशासन और पीडब्ल्यूडी को लगातार अवगत कराने के बाद भी अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
कुमाऊं कमिश्नर कार्यालय के बाहर हंगामा बढ़ता देख मौके पर पहुंचे हल्द्वानी एसडीएम राहुल शाह ने किसी तरह लोगों को समझा बुझाकर उनकी समस्याएं सुनीं. ग्रामीणों की मांग को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया.
विभागीय अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि ओखलकांडा क्षेत्र की सड़कों को जल्द से जल्द ठीक किया जाएगा. अधिकारियों के इस आश्वासन के बाद गुस्साए ग्रामीण शांत हुए और प्रदर्शन समाप्त किया. इस दौरान हरीश पनेरु ने कहा कि सरकार और व्यवस्था को लेकर लोगों में आक्रोश है. ऐसा ना हो कि नेपाल की तरह यहां भी लोगों में आक्रोश भड़क जाए और सरकार को उखाड़ फेंके.