वित्त अधिकारियों की तैनाती पर शासन का सख्त रुख, व्यवस्था के खिलाफ विभागों में हो रहे आदेश

देहरादून: वित्त सेवा संवर्ग के अधिकारियों की तैनाती पर शासन ने सख्त रुख दिखाया है. दरअसल, विभागीय स्तर पर व्यवस्था के खिलाफ वित्त सेवा संवर्ग के अफसरों की तैनाती हो रही थी, जिस पर शासन ने स्पष्ट आदेश जारी किए हैं. आदेश के बाद वित्त महकमा ही वित्त संवर्ग में अफसरों के तबादले कर सकेगा.
प्रदेश में वित्त सेवा संवर्ग के ट्रांसफर पोस्टिंग का पूरा अधिकार वित्त विभाग के अधीन है. इसलिए वित्त अधिकारियों की तैनाती के आदेश शासन स्तर पर वित्त विभाग द्वारा ही किए जाते हैं. इसके बावजूद कुछ ऐसे मामले सामने आ रहे थे, जिसके बाद शासन को कड़ा पत्र लिखना पड़ा है.
खास बात यह है कि इस पत्र के माध्यम से वित्त विभाग में अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग के नियमों की सभी को जानकारी दी गई है. दरअसल राज्य में विभिन्न विभागों से सूचनाओं मिल रही थी कि उसे जगह पर वित्त नियंत्रको या वित्त अधिकारियों की तैनाती विभागों के स्तर पर की जा रही थी, जबकि व्यवस्था में इसका पूरा नियंत्रण वित्त विभाग शासन के पास है. ऐसे में इन जानकारियों के सामने आने के बाद सभी विभागों को स्पष्ट रूप से नियमों का पालन करते हुए मौजूदा व्यवस्था के आधार पर काम करने के निर्देश जारी किए गए हैं.
प्रमुख सचिव वित्त आरके सुधांशु की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वित्तीय अनुशासन को मजबूत बनाने और शासन-प्रशासन को और प्रभावी करने के उद्देश्य से वित्त अधिकारियों की तैनाती की प्रक्रिया वित्त विभाग के स्तर से सुनिश्चित की जाती है, लेकिन अब कई विभागों द्वारा अपने-अपने स्तर से तैनाती आदेश जारी करने के मामले सामने आए हैं, जो नियम विरुद्ध हैं.
इस पर रोक लगाते हुए शासन ने साफ कहा है कि वित्त सेवा संवर्ग के अधिकारियों की तैनाती का अधिकार सिर्फ वित्त विभाग के पास रहेगा. आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि वित्त अधिकारियों/नियंत्रकों की नियुक्ति करते समय उनकी कार्यकुशलता और अनुभव का पूरा ध्यान रखा जाए, ताकि विभागीय कार्यों में किसी प्रकार की रुकावट न आए.
इसके साथ ही यदि किसी विभाग को सुचारू संचालन के लिए अतिरिक्त अधिकारियों की जरूरत पड़ती है तो वह प्रस्ताव प्रशासनिक विभाग के माध्यम से वित्त विभाग को भेजेगा. वित्त विभाग संपूर्ण परीक्षण कर अधिकारियों की तैनाती करेगा. शासन का यह कदम उन स्थितियों पर अंकुश लगाएगा, जिनमें विभाग अपनी सुविधा से वित्त अधिकारियों की नियुक्ति कर लेते थे. इससे वित्तीय कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी और निर्णय प्रक्रिया में तेजी आएगी. आदेश में यह भी कहा गया है कि अब किसी अन्य स्तर से जारी तैनाती आदेश को मान्य नहीं माना जाएगा.