राजनीति से संन्यास लेने पर हरीश रावत का बड़ा बयान, कही ये बात

रामनगर: पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत बीते दिन रामनगर पहुंचे. जहां उन्होंने अपने राजनीति संन्यास लेने की अटकलों को लेकर बड़ा बयान दिया. हरीश रावत से जब पूछा गया कि पार्टी की नई टीम में उन्हें कोई नई जिम्मेदारी नहीं दी गई है, तो क्या इसका मतलब है कि वे अब संन्यास की तैयारी कर रहे हैं. इस सवाल पर उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया कि अभी मैंने भगवा कपड़ा नहीं देखा है, लेकिन जब आप कहेंगे तो सिलवा लेंगे. संन्यास भी एक आदरणीय अवस्था है, पर अभी मेरा काम नए लोगों को उत्साहित करना है.
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस में नई पीढ़ी को आगे लाने का समय है और वे उन्हें सहयोग व मार्गदर्शन देने के लिए सक्रिय रहेंगे. उन्होंने कहा कि राजनीति केवल पद पाने का माध्यम नहीं, बल्कि सेवा और संघर्ष का रास्ता है, और वे अभी भी जनता के मुद्दों को उठाने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने राज्य में लागू यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) से आधार की अनिवार्यता खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले को उत्तराखंड विरोधी कदम बताया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला राज्य की नागरिकता प्रणाली और नियंत्रण व्यवस्था को कमजोर करने वाला है. हरीश रावत ने कहा कि जब UCC लागू किया गया था, तब आधार के आधार पर पंजीकरण को एक नियंत्रण व्यवस्था के रूप में रखा गया था, ताकि बाहरी लोगों की पहचान सुनिश्चित की जा सके. अब जब सरकार ने उस नियंत्रण को हटा दिया है, तो कोई भी व्यक्ति जो यहां UCC में पंजीकरण कराएगा, वह उत्तराखंड की नागरिकता का दावा कर सकता है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम उत्तराखंड की मूल भावना और स्थानीय हितों के खिलाफ है. आधार की बाध्यता हटाकर सरकार ने दरवाजे खोल दिए हैं कि बाहर से आने वाला कोई भी व्यक्ति यहां पंजीकरण करा सके. यह ना केवल हमारे सामाजिक ढांचे को प्रभावित करेगा, बल्कि राज्य की जनसंख्या संरचना पर भी असर डाल सकता है.
हरीश रावत ने आगे कहा कि सरकार द्वारा लिव-इन रिलेशनशिप में पंजीकरण प्रक्रिया को सरल करने के नाम पर जो बदलाव किए गए हैं, वे भी चिंताजनक हैं. उन्होंने कहा कि UCC को लेकर जो भावना राज्य के लोगों में थी कि इससे सामाजिक अनुशासन और नैतिक संतुलन बनेगा, वह अब सरकार के ऐसे निर्णयों से कमजोर होती जा रही है. सरकार ने पारदर्शिता और सुरक्षा का सिस्टम बनाने के लिए था, अब नियंत्रण हटाकर यह व्यवस्था शिथिल कर दी गई है. यह उत्तराखंड की संस्कृति, सामाजिक मूल्यों और स्थानीय हितों के लिए ठीक नहीं है.
बिहार में आरजेडी नेता सुनील सिंह द्वारा चुनाव आयोग को चेतावनी देते हुए कहा गया कि अगर चुनाव परिणामों में गड़बड़ी हुई तो नेपाल जैसा दृश्य देखने को मिल सकता है. इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए हरीश रावत ने कहा कि जनता के भीतर गहरा अविश्वास और संदेह घर कर गया है. आज लोगों को लगने लगा है कि चुनावों को मैनिपुलेट किया जा रहा है. यह स्थिति बहुत खतरनाक है. लोकतंत्र में जब जनता का विश्वास हिल जाता है तो यह विध्वंसक परिणाम देता है.
उन्होंने आगे कहा कि सरकार और चुनाव आयोग दोनों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों के मन में कोई संदेह न रहे,अगर पारदर्शिता नहीं बढ़ाई गई तो ऐसे बयान और माहौल लोकतंत्र के लिए हानिकारक साबित होंगे. चुनाव आयोग और सरकार को जनता का भरोसा कायम रखना चाहिए. संदेह बढ़ाना नहीं, खत्म करना उनका कर्तव्य है,जब यह भरोसा कमजोर पड़ता है, तभी ऐसी टिप्पणियां सामने आती हैं.
