अपने अधिकारो को बचाने के लिए ज़मीन पर उतरे उत्तराखंडी,
यह समिति न केवल राज्य में लागू भूमि कानूनों के प्रारूप की निगरानी करेगी
एक लंबे अंतराल के बाद उत्तराखंड के लोग आंदोलित हैं। राजधानी देहरादून की सड़कों पर आज विशाल जनसैलाब देखने को मिला, प्रदेश भर से हज़ारों कि संख्या में लोगों ने पहुंचकर विशाल जनआंदोलन किया , सशक्त भूकानून और मूल निवास की मांग को लेकर सड़कों पर उत्तरी भीड़ ने सरकार को ने सरकार को चेताने का काम किया है, आंदोलनकारीयों की मांग है कि मूल निवास 1950 और एक सशक्त भू कानून उत्तराखंड में लागू किया जाय ताकि उत्तराखंड के जल, जंगल और ज़मीन पर पहला अधिकार प्रदेश के मूल निवासियों का हो | आंदोलन कर रहे लोगों में गुस्सा इस बात का है कि सशक्त भू कानून नहीं होने की वजह से राज्य की जमीन को राज्य से बाहर के लोग बड़े पैमाने पर खरीद रहे हैं और राज्य के संसाधन पर बाहरी लोग हावी हो रहे हैं, वहीँ उत्तराखंड सरकार ने मूल निवासी प्रमाण पत्र जारी करने के मानक निर्धारित करने के लिए एक हाई लेवल समिति बनाई है. यह समिति न केवल राज्य में लागू भूमि कानूनों के प्रारूप की निगरानी करेगी, बल्कि मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए नियम स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.