उत्तराखंड में शिक्षकों के बम्पर प्रमोशन , इन कर्मचारियों को मिलेगा तोहफ़ा
तबादला एक्ट 2017 में प्रावधान है कि कर्मचारी-शिक्षक को पहली व दूसरी पदोन्नति के लिए कम से कम 10 साल की सेवा दुर्गम में होनी चाहिए। काफी संख्या में ऐसे कर्मचारी-शिक्षक भी हैं जो प्रमोशन के लिए अ
तबादला एक्ट 2017 में प्रावधान है कि कर्मचारी-शिक्षक को पहली व दूसरी पदोन्नति के लिए कम से कम 10 साल की सेवा दुर्गम में होनी चाहिए। काफी संख्या में ऐसे कर्मचारी-शिक्षक भी हैं जो प्रमोशन के लिए अर्ह तो हैं।उत्तराखण्ड सरकार ने कर्मचारी -शिक्षकों को प्रमोशन के लिए दी बड़ी राहत।किसी कर्मचारी के दुर्गम की सेवा अवधि पूरी ना होने पर अब हो सकेगा प्रमोशन ।
काफी संख्या में ऐसे कर्मचारी-शिक्षक भी हैं जो प्रमोशन के लिए अर्ह तो हैं, लेकिन उनकी दुर्गम की सेवा पर्याप्त नहीं है। इस वजह से कई विभागों में कर्मचारियों के प्रमोशन नहीं हो पा रहे थे। कर्मचारी नेताओं को यह भी तर्क है कि सरकार एक्ट के अनुसार शत-प्रतिशत तबादला नहीं करती, इस वजह से कर्मचारियों की दुर्गम की अवधि पूरी नहीं हो पाती है।
2017 में जब तबादला ऐक्ट लागू हुआ था, तब सरकार ने इस प्रावधान को अगस्त 2020 तक संक्रमण काल मानते हुए कर्मचारी-शिक्षकों को छूट दी थी। इसके बाद इस अवधि को जून 2022 और फिर 30 जून 2024 तक बढ़ा दिया था।
अब इसे जून 2026 तक के लिए बढ़ा दिया है। यानी कर्मचारी-शिक्षकों के प्रमोशन में अब दुर्गम सेवा आड़े नहीं आएगी ।मिनिस्टीरियल फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष पूर्णानंद नौटियाल और महामंत्री मुकेश बहुगुणा ने इस फैसले का स्वागत किया है।