खतरे में थराली ,पिंडर नदी में जमा मालवा दे रहा खतरे का संकेत
प्रस्ताव तैयार किये जाने की तैयारी है ताकि थराली बाजार क्षेत्र को आने वाली बरसात से पहले सुरक्षित किया जा सके
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चमोली बीते साल बरसात में पिंडर की सहायक नदी प्राणमति में बादल फटने से भारी तबाही मची थी सोल क्षेत्र में दो दो बार बादल फटने से जहां एक ओर थराली गांव में आवासीय मकान प्राणमति के तेज बहाव में बह गए थे वहीं बादल फटने से प्राणमति नदी के बहाव में आये मलबे के संगम पर जमा हो जाने से पिंडर नदी का वेग पूरी तरह थम गया था और नदी ने झील का आकार ले लिया बरसात खत्म होने के बाद नदी का जलस्तर कम तो हुआ लेकिन पिंडर नदी में प्राणमति संगम से लेकर रामलीला मैदान तक जमा मलबा यहां नदी किनारे बसे आवासीय मकानों को खतरे की घण्टी दे रहा है जगह जगह मलबा होने की वजह से पिंडर नदी कई जगहों पर v आकार में बह रही है तो कई जगह दो भागों में बंट गयी है जिससे नदी किनारे बने आवासीय मकानों और दुकानों के स्वामियों को आने वाली बरसात में डर अभी से सताने लगा है स्थानीय व्यापारियों और आवासीय मकानों के स्वामियों ने स्थानीय प्रशासन से पिंडर नदी में जमा मलबे के निस्तारण की मांग की है ताकि आने वाली बरसात आए पहले पिंडर नदी अपने पूर्ववत रूप में अविरल बह सके। वहीं थराली तहसील के तहसीलदार प्रदीप नेगी ने बताया कि बरसात के बाद पिंडर नदी में जमा मलबे के निस्तारण के लिए प्राणमति नदी के संगम स्थल पर रिवर ड्रेजिंग नीति के तहत मलबे के निस्तारण किया जाना प्रस्तावित है और बाजार क्षेत्र में विभागवार मलबे के निस्तारण के लिए प्रस्ताव तैयार किये जाने की तैयारी है ताकि थराली बाजार क्षेत्र को आने वाली बरसात से पहले सुरक्षित किया जा सके