नंदा देवी राजजात यात्रा के लिए PWD ने शुरू की तैयारीयां, जानिए क्या है यात्रा का महत्व
हर 12 साल में देवी नंदा के सम्मान में होती है, जो गढ़वाल हिमालय के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।

उत्तराखंड की पारंपरिक और विश्व की सबसे बड़ी यात्रा नंदा देवी राजजात यात्रा 2026 में शुरू होने जा रही है बारह साल में एक बार होने वाली यह यात्रा उत्तराखंड चमोली स्थित नौटी गाँव से शुरू होती है यह एक बड़ी तीर्थयात्रा है जो हर 12 साल में देवी नंदा के सम्मान में होती है, जो गढ़वाल हिमालय के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
यह यात्रा तीन सप्ताह तक चलती है और खूबसूरत चमोली जिले से होकर गुजरती है । यह कर्णप्रयाग के पास नौटी गांव से शुरू होती है और होमकुंड में पवित्र नंदा देवी मंदिर में समाप्त होती है। यात्रा के दौरान, जुलूस विभिन्न तीर्थस्थलों और पवित्र स्थानों पर रुकता है, जिससे यह भक्तों के लिए एक सार्थक आध्यात्मिक अनुभव बन जाता है।
नंदा देवी राज जात यात्रा सिर्फ़ तीर्थयात्रा नहीं है; यह उत्सव और आनंद का समय भी है। रास्ते में, गाँव उत्सव, संगीत और नृत्य से जीवंत हो उठते हैं। भक्त और आगंतुक दोनों ही जीवंत वातावरण का आनंद लेते हैं, और ऐसी यादें बनाते हैं जो जीवन भर याद रहेंगी।
चूँकि अगले साल 2026 में यह क़यास लगाए जा रही है कि इस यात्रा में चार लाख से अधिक श्रद्धालु भाग ले सकते हैं जिस वजह से शासन प्रशासन के लिए इस यात्रा को आयोजित करवाना एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है जिसके लिए अभी से ही शासन प्रशासन अपनी कमर कस चुका है PWD विभाग द्वारा यात्रा रूट पर पढ़ने वाले पुलों का ऑडिट शुरू किया जा चुका है जिनमें से कई पुलों का निरीक्षण कर उनकी मरम्मत भी शुरू की जा चुकी है जो कि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ को संभालने के लिए ख़तरनाक साबित हो सकते हैं PWD के प्रमुख अभियंता राजेश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि राजजात यात्रा के लिए तीन मुख्य मार्ग आदिबद्री नौटी, दूसरा नंदप्रयाग नंदानगर घाट सुतोल कन्नौज और तीसरे ग्वालदम केसरी मार्ग पर पड़ने वाले 32 पुल वर्ल्ड बैंक के अंतर्गत स्वीकृत हैं और इन पर तेजी से निर्माण कार्य भी जारी है, ताकि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को सुगम और सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराया जा सके।
यह यात्रा अगस्त 2026 में शुरू होगी लेकिन यात्रा की तैयारियों में एक वर्ष पहले ही जुट चुके शासन और प्रशासन की तैयारियों से यह साफ़ नज़र आ रहा है कि इस यात्रा के लिए किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी अब यह यात्रा कितनी क़ामयाब साबित होती है यह देखना दिलचस्प से ज़रूर होगा