मलबे में दबकर 50 कुंतल ट्राउट मछलियां मरी, 26 तालाब क्षतिग्रस्त
मलबे में दबकर 50 कुंतल ट्राउट मछलियां मरी, 26 तालाब क्षतिग्रस्त
एक करोड़ 20 लाख की लागत से वाण गांव में बना मत्स्य पालन केंद्र आपदा की भेंट चढ़ गया है। इस केंद्र की 50 कुंतल ट्राउट मछलियां मलबे से दबकर मर गईं। जबकि 26 तालाब क्षतिग्रस्त हो गए। मछली बीज उत्पादन का तकनीकी सिस्टम हैचरी भी क्षतिग्रस्त हुआ। हैचरी से तैयार मछलियों के बीज चमोली, बागेश्वर, उत्तरकाशी, देहरादून, पिथौरागढ़ जिलों के मत्स्य पालन केंद्राें में भेजा जाता था।
गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार मिले इसके लिए पान सिंह सहित 11 लोगों ने मनु मत्स्य जीवी स्वायत्त सहकारी समिति बनाकर मत्स्य विभाग के मार्गदर्शन में मत्स्य पालन केंद्र बनाया। दो साल पहले यहां हैचरी कक्ष भी बनाया गया जिसमें मछली के बीज तैयार होते थे। इस केंद्र में ट्राउट मछलियों का उत्पादन होता है। एक टैंक में तीन हजार मछलियों के बीज डालने पर आधे टन मछलियों का उत्पादन होता है। ट्राउट मछली की कीमत बाजार में 800 रुपये किलो है।