नगर निगम की यह योजना पेयजल की किल्लत से निजात, संवेदनशील इलाकों में होगी यह योजना अनिवार्य
जल संचयन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें छतों, खुले मैदानों और सड़कों पर गिरे बारिश के पानी को इकट्ठा कर एकत्रित किया जाता है

देहरादून नगर निगम ने जलभराव की समस्या से निपटने के लिए रेनवाटर हार्वेस्टिंग की योजना बनाई है. नगर आयुक्त नमामी बंसल ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में इस तकनीक को लागू किया जाएगा. सार्वजनिक भवनों और स्कूलों में इसे अनिवार्य करने पर विचार हो रहा है
देहरादून नगर निगम ने पहले ही उन संवेदनशील इलाकों की पहचान कर ली है जहां हर बार बारिश के साथ जलभराव की स्थिति बनती है. इन इलाकों में विशेष योजना के तहत ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत करने, जल निकासी को बेहतर बनाने और रेन वाटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा देने की तैयारी की जा रही है. इसका मकसद सिर्फ पानी की निकासी नहीं, बल्कि बारिश के पानी का सही उपयोग कर भविष्य के जल संकट से निपटना भी है.
रेनवाटर हार्वेस्टिंग (Rainwater Harvesting) यानी वर्षा जल संचयन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें छतों, खुले मैदानों और सड़कों पर गिरे बारिश के पानी को इकट्ठा कर एकत्रित किया जाता है. इस पानी को बाद में सिंचाई, घरेलू उपयोग या भूजल स्तर बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है. यह न सिर्फ जल संकट से निपटने में कारगर है, बल्कि जलभराव की समस्या को भी काफी हद तक कम करता है. इस तकनीक के सहारे देहरादून नगर निगम सड़कों को जलभराव मुक्त बनाने की कोशिश कर रहा है.