राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण
अयोध्या में नवनिर्मित भगवान श्रीराम जी के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को है,
आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तराखंड के द्वारा एक प्रेस वार्ता की गई। इस प्रेसवार्ता में उन्होंने बताया कि संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। संघ अपने स्थापना के 100 वर्ष के अवसर पर समाज जीवन से जुड़े हुए महत्वपूर्ण विषयों पर सघन कार्य करते हुए देश भर में 1 लाख से अधिक गाँवों तक शाखा के माध्यम से संपर्क करने की योजना बना रहा है। उत्तराखंड में भी प्रत्यक्ष शाखा के माध्यम से सभी गाँवों में पहुँचने को लक्ष्य रखा गया है। इस वर्ष 24 अक्टूबर 2023 को पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने विजय दशमी के अपने परंपरागत संबोधन में पांच विशेष बातों की ओर स्वयंसेवकों व कार्यकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया था, जिनमें परिवार प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी एवं नागरिक कर्तव्य बोध पर उन्होंने सभी का ध्यान आकर्षित किया था। सामाजिक समरसता के विषय को महत्व देते हुए सरसंघचालक जी ने आहवान किया था कि प्रत्येक गांव का मंदिर, पानी और श्मशान पर सबका अधिकार होना चाहिए। उन्होंने परिवार में हिन्दू संस्कारों पर विशेष आग्रह किया था तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए स्वच्छता और वृक्षारोपण प्रत्येक स्वयंसेवक को करने को प्रेरित किया था। उन्होंने स्वावलंबन की चर्चा करते हुए स्वदेशी ही अपनाने का आग्रह किया था। उन्होंने नागरिक कर्तव्यबोध पर भी ध्यान आकर्षित किया था। संघ के कार्यकर्ता व स्वयंसेवक सरसंघचालक जी द्वारा निर्देशित इन पंच प्राण तत्वों को आचरण में आत्मसात करने के लिए व्यापक अभियान चलाने वाले हैं। इसके निमित्त प्रत्येक परिवार तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है ताकि जन-जन को जागृत किया जा सके।
अयोध्या में नवनिर्मित भगवान श्रीराम जी के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को है, जोकि पूरे हिन्दू समाज के लिए हर्ष का विषय है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी इस अवसर पर 1 जनवरी से 15 जनवरी तक प्रत्येक ग्राम/नगर से लेकर खण्ड तक, घर-घर अक्षत एवं श्रीराम जी का चिन्त्र परिवारों तक पहुंचाने का प्रयास करेगा ।