ज्यादा देर तक वाहन चलाने से हो सकती है ये बीमारी, जाँच के लगाया गया स्वस्थीय शिविर कैम्प…..
वाहन चालकों में बढ़ रही स्लीप एपनिया नाम की बीमारी से मुनिकीरेती थाना पुलिस चिंतित नजर आ रही है. क्योंकि इस बीमारी से पीड़ित ड्राइवर की आंखें तो खुली रहती है, लेकिन उसका मस्तिष्क
ऋषिकेश: वाहन चालकों में बढ़ रही स्लीप एपनिया नाम की बीमारी से मुनिकीरेती थाना पुलिस चिंतित नजर आ रही है. क्योंकि इस बीमारी से पीड़ित ड्राइवर की आंखें तो खुली रहती है, लेकिन उसका मस्तिष्क काम करना बंद कर देता है. ज्यादा लंबे समय तक वाहन चलाने वाले चालकों में ये बीमारी होती है, जो काफी गंभीर है.
सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस कप्तान आयुष अग्रवाल के निर्देश पर मुनिकीरेती थाना पुलिस ने भद्राकाली पुलिस चेक पोस्ट पर निशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाया. जिसमें नरेंद्र नगर राजकीय चिकित्सालय के डॉक्टर मुकेश रावत और गौरव भट्ट ने 50 से अधिक चालकों के स्वास्थ्य की जांच की. मुख्य रूप से स्लीप एपनिया, ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच की गई. इंस्पेक्टर रितेश शाह ने बताया कि जांच में किसी भी ड्राइवर को स्लिप एपनिया की बीमारी नहीं मिली है, जिससे पुलिस ने थोड़ी राहत की सांस ली है. कुछ चालकों को ब्लड प्रेशर और शुगर की दिक्कत पहली बार पकड़ में आई है. उनको परामर्श देकर निशुल्क दवाई भी उपलब्ध कराई है.
बताया कि समय-समय पर स्लीप एपनिया बीमारी की जांच के लिए शिविर लगाए जाते रहेंगे. इस संबंध में चालकों को जागरूक करने की जिम्मेदारी वरिष्ठ उपनिरीक्षक योगेश पांडे और सभी चौकी प्रभारियों को दी गई है.आश्रमों में रहने वाले साधुओं का सत्यापन, दूसरे राज्यों से आकर उत्तराखंड का माहौल खराब करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस कप्तान आयुष अग्रवाल काफी सख्त नजर आ रहे हैं. पुलिस कप्तान के निर्देश पर मुनिकीरेती थाना पुलिस बाहरी लोगों के सत्यापन करने के लिए भी गंभीर है. तपोवन पुलिस चौकी क्षेत्र अंतर्गत ब्रह्मपुरी में पुलिस ने 11 आश्रमों में चेकिंग अभियान चलाया.इस दौरान आश्रम में रहने वाले साधुओं से पुलिस ने पूछताछ की और उनके आधार कार्ड व जरूरी दस्तावेजों को जांचा. मौके पर 85 साधु का पुलिस ने सत्यापन किया. इंस्पेक्टर रितेश शाह ने बताया कि चेकिंग अभियान में आश्रम संचालकों ने पूरा सहयोग दिया है. सभी आश्रम संचालकों को निर्देश दिए हैं कि वह आश्रम में आने वाले सभी साधुओं का पुलिस सत्यापन जरूर कराए. आश्रम में आने वाले भक्तों का विवरण रजिस्टर में दर्ज करें और उनकी आईडी भी अपने पास रखें. बता दें कि पर्वतीय अंचलों में चालक काफी लंबी दूरी तय करते हैं और सवारियों के चक्कर में वो कभी दिन-रात वाहन चलाते हैं. इसलिए हादसों का खतरा बना रहता है.