समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर पुरातत्व विभाग से जांच कराई जा रही है तो सभी हिंदू मंदिरों की भी जांच कराई जानी चाहिए। इनमें से अधिकतर मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं। यहां तक की बदरीनाथ धाम भी आठवीं शताब्दी तक बौद्ध मठ था। स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान का उत्तराखंड मे ंचौतरफा विरोध देखने को मिल रहा है।

अजेंद्र अजय, अध्यक्ष, बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति का कहना है कि बदरीनाथ धाम करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। समाजवादी पार्टी का चरित्र हमेशा से ही हिंदू विरोधी रहा है। वे हिंदुओं के धर्मस्थलों को विवादित बनाने की कोशिश करते हैं। सपा नेता का बयान निंदनीय है।

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