वाराणसी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन न सिर्फ विद्या और विज्ञान का संगम बना, बल्कि देवभूमि उत्तराखंड की एक बेटी के सम्मान का साक्षी भी रहा।
बीएचयू के इस दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में ज्योतिष और वास्तु के विविध आयामों पर मंथन हुआ। सम्मेलन में देशभर से आए विद्वानों को उनके योगदान

देहरादून: वाराणसी स्थित बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष एवं वास्तु सम्मेलन का आयोजन किया गया। दो दिन तक चले इस सम्मेलन में देश भर से आए प्रतिष्ठित ज्योतिषविदों और विद्वानों ने भाग लिया। इस दौरान ज्योतिष के वैज्ञानिक और सामाजिक पक्षों पर गहन चर्चा हुई, साथ ही ज्योतिष के नाम पर भ्रम और भय फैलाने वालों पर भी कटाक्ष किया गया।
बीएचयू के इस दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में ज्योतिष और वास्तु के विविध आयामों पर मंथन हुआ। सम्मेलन में देशभर से आए विद्वानों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इन्हीं में से एक रही उत्तराखंड के देहरादून की वैदिक ज्योतिषाचार्य पूजा अवस्थी, जिन्हें उनकी विद्या, शोध और समाज सेवा के लिए चंद्रमोली उपाध्याय, पंडित योगेंद्र महंत (पूर्व राज्यमंत्री, म.प्र.), और दिनेश गुरु द्वारा सम्मानित किया गया।
पूजा अवस्थी का कहना है कि देवभूमि की बेटी के रूप में यह सम्मान मेरे लिए गर्व की बात है। यह केवल मेरा नहीं, बल्कि उत्तराखंड की परंपरा और संस्कृति का सम्मान है। मैं चाहती हूं कि ज्योतिष को अंधविश्वास से नहीं, बल्कि ज्ञान और विज्ञान के रूप में देखा जाए। पूजा अवस्थी ने कहा कि ज्योतिष का उद्देश्य लोगों के जीवन में दिशा देना है, डर पैदा करना नहीं। उन्होंने सम्मेलन के दौरान महिला ज्योतिषाचार्यों की बढ़ती भागीदारी पर भी खुशी जताई।