अघोषित संपत्ति मामलों पर आगे बढ़ी कार्रवाई, अब इन प्रकरणों में विजिलेंस करेगी जांच

देहरादून: उत्तराखंड में अघोषित संपत्ति से जुड़े मामलों पर विजिलेंस जांच करने जा रही है. राज्य सतर्कता समिति के अनुमोदन के बाद सरकार ने कुछ अधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति प्रकरण को लेकर अनुमति दे दी है. इसके बाद अब विजिलेंस मामलों पर गहनता से जांच कर पाएगी.
उत्तराखंड में आय से अधिक संपत्ति को लेकर अब कुछ अधिकारी जांच के दायरे में आ गए हैं. राज्य सतर्कता समिति में विजिलेंस की खुली जांच करने के लिए कुछ मामलों में अनुमति दी गई है. इसके बाद अब विजिलेंस इन प्रकरणों पर गहराई से जांच कर पाएगी. खास बात यह है कि सरकारी सेवकों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच प्रकरण में मुख्यमंत्री के अनुमोदन की भी जरूरत होती है. जिसे सतर्कता समिति के अनुमोदन के बाद ले लिया गया है.
इसमें सबसे चर्चित मामला आईएसबीटी के पूर्व प्रभारी उप निरीक्षक का है. जिसे विजिलेंस ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. इस मामले में जहां पहले ही विजिलेंस रिश्वत लिए जाने के प्रकरण पर दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चुकी थी. वहीं, अब संबंधित दरोगा पर नया मुकदमा दर्ज करने की तैयारी चल रही है. उप निरीक्षक पर अब घोषित संपत्ति मामले को लेकर मुकदमा दर्ज किया जाएगा. इसके बाद विजिलेंस इस प्रकरण में भी गहराई से जांच कर सकेगी.
दरअसल, राज्य विजिलेंस ने दरोगा की संपत्ति की प्राथमिक जांच की है. जिसमें कुल आय से अधिक संपत्ति की स्थिति दिखाई देने पर अब विजिलेंस ने मामले में खुली जांच की अनुमति चाहिए. जिसमें राज्य सतर्कता समिति की तरफ से अनुमोदन होने के बाद अनुमति की अंतिम मुहर भी लगाई जा चुकी है. जाहिर है कि विजिलेंस को अनुमति मिलने के बाद अब संबंधित दरोगा की मुश्किलें बढ़ाने वाली है.
राज्य सतर्कता समिति ने श्रम आयुक्त कार्यालय में वरिष्ठ सहायक के खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति प्रकरण पर मामला दर्ज करने की अनुमति दी है. खास बात यह है कि इस प्रकरण में भी विजिलेंस को सरकार ने अंतिम अनुमति दे दी है. इसके बाद अब विजिलेंस प्रकरण की खुली जांच कर पाएगी.
हालांकि, इन दोनों ही मामलों में काफी समय से विजिलेंस सरकार से अनुमति मिलने का इंतजार कर रही थी. इस पर विजिलेंस ने राज्य सतर्कता समिति में भी पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध कराए थे. जिससे राज्य सतर्कता समिति की तरफ से विजिलेंस को मामला दर्ज करने की अनुमति मिल सके. विजिलेंस द्वारा दिए गए दस्तावेजों को पर्याप्त मानते हुए समिति ने आखिरकार विजिलेंस को जांच की अनुमति दे दी. इसी आधार पर सरकार ने भी इसकी संस्तुति की.सचिव कार्मिक शैलेश बगौली से ईटीवी भारत ने बात की. जिसमें उन्होंने विजिलेंस द्वारा इन प्रकरणों में अनुमति लिए जाने की पुष्टि की है.
