गुंडाराज : कोर्ट में गवाही देने आये दंपत्ति से पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में सरेआम मारपीट
युवकों के खिलाफ नामजद तहरीर सौंप कार्यवाही की मांग की है।साथ ही अपनी जान को भी खतरा बताया है।

सोमवार को खटीमा न्यायालय परिसर में उस समय अफरा तफरी मच गई जब न्यायालय में दायर वाद में गवाही देने आए स्थानीय दंपत्ति से सरेआम न्यायालय परिसर में कुछ युवकों द्वारा मारपीट कर दी गई।मारपीट का वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया में भी वायरल हो गया।
वही उक्त मामले मारपीट से न्यायालय परिसर में फैली अफरातफरी के बीच न्यायालय में तैनात पुलिस कर्मी व अधिवक्ता हरकत में आए तब जाकर दंपत्ति को मारपीट कर रहे युवकों के चुंगल से बचाया गया।वही पुलिस कर्मियों ने इस दौरान एक युवक को हिरासत में भी ले लिया जबकि अन्य युवक मौके से भागने में सफल रहे।वही इस घटना के बाद पीड़ित दंपत्ति ने न्यायालय से खटीमा कोतवाली पहुंच पुलिस को आरोपी युवकों के खिलाफ नामजद तहरीर सौंप कार्यवाही की मांग की है।साथ ही अपनी जान को भी खतरा बताया है।उक्त मामले में पीड़ित महिला अंकिता निमोरिया निवासी वार्ड नंबर 14 रेलवे स्टेशन रोड ने पुलिस को तहरीर देकर बताया की वह खटीमा न्यायालय में अपने वाद अंकिता बनाम राज गौरव सोनकर मामले में अपने पति मनीष के साथ गवाही देने गई थी,इस दौरान न्यायालय से जैसे ही वह गवाही देकर अपने पति के साथ नीचे उतरी कुछ युवकों ने उसके पति के साथ मारपीट करनी शुरू कर दी जिसमे उसके पति मनीष व उसे इस मारपीट के दौरान चोट आई है।साथ ही कोर्ट में मौजूद पुलिस व अधिवक्ताओं ने उन्हें उक्त लोगो की मारपीट से बचा सुरक्षित किया।इस मामले में पीड़ित महिला अंकिता ने राज गौरव सोनकर व उसके साथी मनीष ऐरी,रोहित चौधरी मानस बत्रा,रंजीत सिंह उर्फ मल्ली व अन्य के खिलाफ मारपीट का आरोप लगा खटीमा कोतवाल मनोहर सिंह दसौनी को नामजद तहरीर सौंपी है।साथ ही उक्त लोगो के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।वही पीड़ित महिला अंकिता के पति मनीष निमोरियां ने ने उक्त लोगो से जान का खतरा बता सुरक्षा की पुलिस प्रशासन से मांग की है।वही उक्त मामले में खटीमा कोतवाल मनोहर सिंह दसौनी ने न्यायालय परिसर में मारपीट मामले में पीड़ित पक्ष की तहरीर मिलने की बात कही है।साथ ही मारपीट के वीडियो की जांच व उक्त घटना की जांच कर विधि अनुसार कार्यवाही करने की भी बात कही जा रही है।फिलहाल खटीमा न्यायालय परिसर में दंपत्ति से मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद चर्चाओं का बाजार गरम है की न्यायालय परिसर में ही अगर आदमी सुरक्षित नही तो आखिर आमजन की सुरक्षा एक बड़ी चिंता का विषय है।इस तरह की गुंडागर्दी पर स्वयं न्यायालय को भी संज्ञान लेना चाहिए।