राज्य कर मुख्यालय के बाहर कर्मियों ने काली पट्टी बांध के किया विरोध, जानिए वजह
कर्मचारियों द्वारा 10 सूत्रीय लंबित मांगो पर आतिथि तक लम्बित रहने के कारण काली पटृी बाध कर राजकीय काम-काज करते हुए सरकार और शासन का विरोध व्यक्त किया

आज दिनांक 09.10.2025 को निरन्तर चौथे दिन भी उत्तराखण्ड राज्य कर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन, शाखा मुख्यालय के अध्यक्ष जसवन्त खोलिया और शाखा मंत्री पिंकेश रावत के नेतृत्व में मुख्यालय के समस्त कर्मचारियों द्वारा 10 सूत्रीय लंबित मांगो पर आतिथि तक लम्बित रहने के कारण काली पटृी बाध कर राजकीय काम-काज करते हुए सरकार और शासन का विरोध व्यक्त किया। विरोध प्रदर्शन में प्रांतीय सलाहकार श्री मनमोहन नेगी जी, श्री टीका राम सती, श्री बिरेन्द्र तोमर, श्री भूपेन्द्र सिंह भण्डारी, श्रीमती ज्योति पटवाल, श्रीमती कविता, श्रीमती बीना मैठाणी, तुलसी, श्रीमती रैमनी, श्रीमती उषा बंगारी, श्रीमती उर्मिला, श्री आशीष चन्द्र, श्री पुनीत डबराल, श्री विकास पंवार, श्री अरविन्द्र चौहान, श्री अमित कोठारी, श्री नरेन्द्र सिंह बिष्ट, श्री राजेन्द्र सिंह बिष्ट, श्री संजय, श्री दिपेन्द्र , श्री शंकर नेगी, श्री रोजी सिंह, श्री मुकेश इत्यादि उपस्थित रहे।
राज्य कर विभाग प्रान्तीय कार्यकारणी की बैठक दिनांक 06-09-2025 को राज्य कर भवन 23-लक्ष्मी रोड डालनवाला, देहरादून के परिसर में सम्पन्न हुयी। बैठक में सभी पदाधिकारियो नें मिनिस्ट्रीयल कार्मिकों की 10 सूत्रीय लंबित मांगो यथा कर्मचारी ढांचे का पुनर्गठन, राज्य कर अधिकारियों की नयी नियमावली बनाने, जी.एस.टी. के अन्तर्गत विभिन्न सूचना के संकलन विश्लेषण हेतु यूटिलिटी तैयार करने, राज्य कर अधिकारियों की समय से पदोन्नति, परित्याग नियमावली (forgo) से विभाग को अवमुक्त करने, कार्मिकों के आवास आदि मांगों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं होने पर कार्मिकों द्वारा चरणबद्ध तरीके से आन्दोलन शुरू करने की चेतावनी दी थी,
आन्दोलन का मूल कारण यह भी है कि राज्य कर विभाग, उत्तराखण्ड में वर्ष 2006-07 वर्ष 2014-2015 एवं वर्ष 2024-2025 तक अधिकारी संवर्ग का तीन बार विभागीय संरचनात्मक ढांचे का पुनर्गठन करते हुये काफी अधिक संख्या में अपर आयुक्त पद से लेकर सहायक आयुक्त तक नये पदों एवं कार्यालयों का गठन किया गया है। जिसके परिप्रेक्ष्य में कर्मचारियों के ढांचे का पुनर्गठन विगत 20 वर्षों से आतिथि तक एक बार भी नहीं हो पाया है। वर्तमान में राज्य कर विभाग में अधिकारी संवर्ग में कुल स्वीकृत 481 पदों/ कार्यालयों के सापेक्ष कर्मचारियों की कुल स्वीकृत पदों की संख्या मात्र 777 है। जो राज्य कर विभाग में सरकारी कार्यालयों के लिये पिरामिड हायर संरचना के बिल्कुल विपरीत स्थिति को प्रदर्शित कर रही है। सरकार व शासन द्वारा कर्मचारियों के ढांचे के पुनर्गठन पर पक्षपातपूर्ण, संरक्षणवादी रवैया बेहद खेदजनक है।
कर्मचारियों का अंतिम बार ढांचा वर्ष 2006 में स्वीकृत हुआ था और विगत 20 वर्षों से अपने संरचनात्मक ढांचे का पुनर्गठन के लिए संघर्षरत है 01 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के पश्चात राज्य कर विभाग में कर्मचारियों पर काम का अत्यधिक दवाब बना हुआ है जिस कारण कार्मिक मानसिक रूप से परेशान है । उपरोक्त समस्त कार्मिक हितों की मांगों पर दिनांक 16.09.2025 तक सकारात्मक कार्यवाही नहीं होती है तो उत्तराखण्ड राज्य कर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन मुख्यालय सहित सम्पूर्ण प्रदेश की शाखाओं में दिनांक 17 अक्टूबर 2025 को सभी कार्यालयों में विरोध स्वरूप 11 बजे से 12 तक एक घण्टे गेट मीटिंग की जाएगी।