उत्तराखंड में लगभग 9 लाख के पार शिक्षित बेरोज़गार,. आखिर कब मिलेगा रोज़गार ?
पूरे देश की तरह उत्तराखंड में भी बेरोजगारी का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। 31 जनवरी 2024 तक सेवा नियोजन कार्यालय में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 813346 हो गई है जिसमें से सबसे ज्यादा तकरीबन 1 लाख पोस्ट ग्रेजुएट युवा है
: उत्तराखंड में पिछले 5 सालों में अधिकतम 9 लाख के करीब रजिस्टर्ड बेरोजगारों का आंकड़ा, मेलों से मात्र 17 हजार को मिला रोजगार।*
उत्तराखंड में शिक्षित बेरोजगारों का आंकड़ा लगातार आसमान छूता जा रहा है तो वहीं इसकी प्रतिपूर्ति के लिए सेवायोजन कार्यालय पिछले 5 सालों में केवल 17,743 अभ्यर्थियों को रोजगार दे पाया है तो वहीं जिला वार क्या है बेरोजगारों की स्थिति आई आपको बताते हैं।
जनवरी 2024 तक प्रदेश में 813346 रजिस्टर्ड बेरोजगार
पूरे देश की तरह उत्तराखंड में भी बेरोजगारी का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। 31 जनवरी 2024 तक सेवा नियोजन कार्यालय में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 813346 हो गई है जिसमें से सबसे ज्यादा तकरीबन 1 लाख पोस्ट ग्रेजुएट युवा है। बेरोजगारी का यह आंकड़ा पिछले 5 सालों में अपने अधिकतम आंकड़े पर है यह साल 2019 में 8 लाख के पास से 9 लाख के करीब पहुंच चुका है।
पिछले पांच सालों में अधिकतम आंकड़े पर बेरोजगारी
मार्च 2019 में 803887 पंजिकृत बेरोजगार
मार्च 2020 में 778077 पंजिकृत बेरोजगार
मार्च 2021 में 807722 पंजिकृत बेरोजगार
मार्च 2022 में 879061 पंजिकृत बेरोजगार
मार्च 2023 में 882508 पंजिकृत बेरोजगार और अब
जनवरी 2024 में यह बढ़कर 88346 हों चुका हूं।
यहां आपको बताते चलें कि यह संख्या केवल उन लोगों की है जिनके द्वारा सेवा नियोजन यानी एंप्लॉयमेंट ऑफिस में जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया गया है। सेवा नियोजन कार्यालय में पंजीकरण न करने वाले युवाओं की संख्या भी ठीक-ठाक मानी जाती है यानी की अगर बेरोजगारों की बात करें तो प्रदेश में सेवन नियोजन विभाग के आंकड़े से कई ज्यादा युवा बेरोजगार होंगे।
मैदानी जिलों में संभावनाओं के साथ बेरोजगारी भी ज्यादा
बेरोजगारी के इन आंकड़ों में मैदानी जिले सबसे आगे हैं। सबसे ज्यादा पंजीकृत बेरोजगार 121628 देहरादून में है तो वहीं दूसरे नंबर पर उधम सिंह नगर हरिद्वार में 113110 पंजीकृत बेरोजगार है और तीसरे नंबर पर उधम सिंह नगर में 92396 पंजीकृत बेरोजगार है। जिला वार अगर बात करें तो प्रदेश के सभी जिलों में बेरोजगारी के आंकड़ों की संख्या इस तरह से है।
-अल्मोड़ा में 72053 बेरोजगार
-नैनीताल में 75946 बेरोजगार
-पिथौरागढ़ में 56596 बेरोजगार
-उधम सिंह नगर में 92396 बेरोजगार
-बागेश्वर में 33104 बेरोजगार
-चंपावत में 17838 बेरोजगार
-देहरादून जिले में 121628 बेरोजगार
-टिहरी में 81730 बेरोजगार
-उत्तरकाशी में 51783 बेरोजगार
-हरिद्वार में 113110 बेरोजगार
-पौड़ी में 70826 बेरोजगार
-चमोली में 62980 बेरोजगार
-रुद्रप्रयाग में 33356 बेरोजगार
यानी कि पूरे प्रदेश भर में 8843 33 46 बेरोजगार युवा अभी सेवन नियोजन कार्यालय में बेरोजगारी के आंकड़े के रूप में दर्ज हैं।
पिछले 5 सालों में केवल 17,743 अभ्यर्थियों को मिला रोजगार
प्रदेश में हर साल बढ़ती जारी शिक्षित जा रही शिक्षित बेरोजगारों की संख्या केवल सरकार के लिए ही नहीं बल्कि हमारे समाज और हमारे प्रदेश और देश की आर्थिक के लिए भी बेहद चिंता का विषय हैं। प्रदेश में सेवायोजन विभाग द्वारा हर साल युवाओं को रोजगार सृजन करवाने के लिए तमाम तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं। शिक्षित और पंजीकृत युवाओं को रोजगार सृजन करवाने के लिए रोजगार मेले का आयोजन किया जाता है। पिछले 5 सालों में अब तक 700 के करीब रोजगार मेले लगाए गए जिसमें लाखों बच्चों ने प्रतिभा किया लेकिन रोजगार सृजन की बात करें तो पिछले 5 सालों में केवल 17 के करीब अभ्यर्थियों को ही रोजगार मिल पाया है जो की 8 लाख से ज्यादा बेरोजगारों की तुलना में ऊंट के मुंह में जीरा जैसा ही है।
अधिक रोजगार सृजन के लिए चलाई जा रही यह योजनाएं —-
उत्तराखंड सेवा नियोजन विभाग की उपनिदेशक चंद्रकांता रावत ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि उत्तराखंड में इस वक्त पूरे प्रदेश वर्सेस सेवा नियोजन विभाग में तकरीबन 8 लाख से ज्यादा युवा पंजीकृत हैं। उन्होंने बताया कि विभाग का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार सृजन की ओर मोड़ा जाए और इस संबंध में प्रयास किया जाए।