लाइसेंस पर व्यापारी आक्रोषित , सरकार को दी चेतावनी ,
पहली बार नगर निगम में आबकारी व्यवसायियों के लिए भी नियम लागू किए गए हैं।

शहर में विभिन्न व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का नगर निगम में पंजीकरण अनिवार्य किया जा रहा है इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होगा। विभिन्न श्रेणी के तहत प्रतिष्ठानों के लिए पंजीकरण व नवीनीकरण शुल्क निर्धारित कर दिया गया है। जिसके आधार पर नगर निगम की ओर से व्यापार-ट्रेड लाइसेंस जारी किया जाएगा।
इसके अलावा नगर निगम की ओर से जारी उपविधि के उल्लंघन पर जुर्माने का भी प्रविधान है। पहली बार नगर निगम में आबकारी व्यवसायियों के लिए भी नियम लागू किए गए हैं।
हालाँकि इस मामले से देहरादून के व्यापारी खासा नाराज़ नज़र आये जिसके चलते व्यापारियों द्वारा आज नगर निगम कार्यालय पहुँच कर ज्ञापन प्रेषित कर लाइसेंसं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया चूँकि इस लाइसेंस से व्यापारियों की जेब पर अतिरिक्त असर पड़ेगा इसलिए व्यापारियों की माँग है कि इस लाइसेंस को लागू ना किया जाए अपनी इस माँग को लेकर जब व्यापारी नगर निगम कार्यालय पहुँचे तो आश्वासन का लॉलीपॉप थमाकर उन्हें फ़िलहाल वापस भेज दिया गया है 4 दिन का वक़्त व्यापारियों से नगर निगम ने इस विषय पर चर्चा करने के लिए माँगा है
वही व्यापारियों का साफ़ तौर पर कहना है कि यदि इस लाइसेंस को निगम द्वारा प्रतिबंधित नहीं किया जाता है तो उन्हें उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा
लाइसेंस के लिए निर्धारित पंजीकरण व नवीनीकरण शुल्क
ट्रेड-व्यापार का नाम, पंजीकरण शुल्क, नवीनीकरण शुल्क
विभिन्न क्षमता के वेडिंग प्वाइंट/बैंक्विट हाल/होटल लाजिंग, 20 हजार से दो लाख, 10 हजार से 50 हजार
हास्पिटल/नर्सिंग संबंधी ट्रेड, 25 हजार से एक लाख, 10 हजार से 50 हजार
प्राइवेट क्लीनिक/पैथ लैब/मेडिकल शाप, 15 हजार से 50 हजार, आठ से 30 हजार
पशु शाप/पशु क्लीनिक/पशु अस्पताल, 10 हजार से 15 हजार, पांच हजार से आठ हजार
हुक्का बार, 10 हजार, पांच हजार
बियर बार, 30 हजार, 15 हजार
अंग्रेजी शराब की दुकान, 50 हजार, 30 हजार
देसी शराब की दुकान, 30 हजार, 15 हजार
इंपोर्टेड वाइन शाप डिपार्टमेंटल, एक लाख, 50 हजार
शापिंग माल, वार्षिक भवन कर का 0.5 प्रतिशत, 50 हजार